सोमवार, 4 नवंबर 2013

कितनी उम्मीदें लेकर आती है सुबह
नया दिन,नए काम लेकर
आती है सुबह
चाँद की रौशनी को कम करते
हुए सूरज की किरणों को प्रवाह
प्रदान करती है सुबह
अँधेरे की समाप्ति और उजाले
की शुरुआत की घोषणा करती
है सुबह
ताज़गी और जोश का प्रतीक
होती है सुबह
शरीर में उत्साह का संचार
करती है सुबह
पेड़ों की छाँव,ठंडी हवाओं का
अहसास दिलाती है सुबह
चिड़ियों आदि का कलरव
सुनाती है सुबह
ग़मों को भूलने पर मजबूर
करती है सुबह
हर दिन यह याद दिलाती
कि ग़मों की रात के
बाद हमेशा आती है
खुशियों  की सुबह 

बर्बाद

इस कदर हमने खुद को कर लिया बर्बाद  फिर निकले नही जज़्बात कोई उसके जाने के बाद..!!