आखिरकार बंगाल की जनता ने फिर एक बार अपनी 'दीदी' ममता बनर्जी पर विश्वास कर बंगाल की कमान उनके हाथों में सौंप दी। ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। बंगाल की जनता ने बता दिया कि अभी भी दीदी का वर्चस्व कायम है। दूसरी तरफ अबकी बार दो सौ पार का नारा देकर बंगाल के चुनावी मैदान में प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गज नेताओं को झोंक देने वाली भारतीय जनता पार्टी का पासा उल्टा पड़ गया।बीजेपी के उलट टीएमसी को जनता ने दो सौ से ज्यादा सीटों पे जिता दिया। अस्सी से भी कम सीटों पर सिमटी अतिआत्मविश्वासी भारतीय जनता पार्टी के लिए आत्मचिंतन का समय है। बीजेपी कोरोना काल में भी दर्जनों रैलियां करने के बाद भी टीएमसी की जड़ें तक नहीं हिला सकी। निश्चय ही बीजेपी की ममता दीदी के ऊपर की गई अमर्यादित टिप्पणी हार की एक वजह हो सकती है लेकिन देश मे बढ़ रहे कोरोना से निपटने की विफल नीति,हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की समय पर आपूर्ति न कर पाना व बेड न मिल पाना बीजेपी सरकार की हार की मुख्य वजहें हैं। अब बीजेपी सरकार से उम्मीद है कि चुनाव के बाद कोरोना को काबू में करने के लिए कारगर नीति अपनाएगी।
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बर्बाद
इस कदर हमने खुद को कर लिया बर्बाद फिर निकले नही जज़्बात कोई उसके जाने के बाद..!!
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उजाले में चेहरा चमकता रहा उनका असल चेहरा तो अंधेरे में दिखा उनका बात इतनी है कि अब बात नही होती यादों में भी सिर्फ अक्स दिखा उनका..!!
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इतनी कोशिशों के बाद भी न मिला वो शख्स मुझे कुछ तो कसमें किस्मत ने भी खाई होंगी @nuj
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क्या होती है एक महिला? देवी का स्वरुप होती है एक महिला.ममता की मूरत होती है एक महिला जिसमे कूट-कूट कर प्यार भरा होता है.जो समस्याओं का स...
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